Savitrinama
हिंदी संस्करण
Savitribai Phule
सावित्रीनामा सावित्रीबाई फुले का समग्र साहित्यकर्म
जोतीराव फुले के भाषण सहित
सावित्रीबाई फुले के साहित्य का यह संकलन ‘काव्यफुले’ (1854) से शुरू होता है, जिसके प्रकाशन के समय वे मात्र 23 वर्ष की थीं और इसका अंत ‘बावन्नकशी सुबोध रत्नाकर’ (1892) से होता है। इन दो अवधियों की रचनाओं के बीच उनके पत्र और भाषण हैं। अपने इस लेखन के जरिए उन्होंने स्वयं के मुक्तिकामी सफर को कलमबद्ध किया और उनका यह सफर एकांगी न होकर अपने-आप में वृहत्तर समाज की मुक्ति का सफर था।